Sunday, March 8, 2015

देह-निर्मल वर्मा (कहानी ‘अपने देश वापसी’)



सच पूछो, तो विश्वास मुझे भी नहीं होता। जो चीज अदृश्य है, उसमें विश्वास कैसा ? हम ‘दैहिक’ लोग हैं। दुनिया में शायद ही कोई जाति हो, जिसका देह के प्रति इतना मांसल, इतना सजीव लगाव हो। नंगी आँखों से देखने का सुख, नंगे हाथों से खाने का संतोष, नंगे निरोधहीन अंगों से प्यार करने की तृप्ति, थिएटर-सिनेमा में सोने का आनन्द–क्या कभी कोई हमें इन सुखों से वंचित कर सकता है ? देह के प्रति इतनी गहरी, इतनी अटूट आत्मीयता के कारण ही हमारे पुरखों ने दूसरे जन्मों की कल्पना की होगी
-निर्मल वर्मा (कहानी ‘अपने देश वापसी’)

Friday, March 6, 2015

अनकही-कम जानी मीडिया की कहानी_media story



बीबीसी का इंटरव्यू लेने के लिए पैसे का लेन-देन का आरोप!
भला इसमें हैरानी कैसी ? 
यह कोई नयी बात नहीं है. 
खबर के लिए लालच, फिर वह किसी भी तरह का हो-पैसे का या नाम का या देह का, सहित सभी तरह के हथकंडों का इस्तेमाल हमेशा से होता रहा है.
मीडिया के इस सच से शायद ही कोई पत्रकार अनजान हो! 
इंडियन एक्सप्रेस के अश्विनी सरीन की 'कमला' की याद है न, जिस पर एक फिल्म भी बनी थी.
सो बाइट लेने और टीवी शो के लिए लोग जुटाने की कसरत, मजमे के लिए भीड़ जुटाने से जुदा कुछ नहीं.
सो, बीबीसी और एनडीटीवी से कुछ अलग होने की प्रत्याशा, मृगतृष्णा से अधिक कुछ नहीं.
आखिर बाजार विदेशी हो या देशी कोई अन्तर नहीं करता, टीआरपी का बेताल दृश्य या अदृश्य रूप में हर किसी के कंधे पर सवार है.     

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एक क्रिकेट खिलाड़ी के निजी जीवन में ताकाझांकी और उससे उपजी खीज के कारण, नोंकझोंक को तिल का ताड बनाने वाला मीडिया अपने गिरेबान में झाँकने का साहस आखिर क्यों नहीं कर पाता ? 
क्या रंगीन और रसिया सिर्फ राजनीति-क्रिकेट की दुनिया में ही मिलते हैं, मीडिया की दुनिया उनसे जुदा है !
एक खोजी अंग्रेजी अखबार के पूर्व संपादक के अपने ही अखबार की महिला रिपोर्टर, जिसने अपने लाल सलाम यूनिवर्सिटी के अपंग-लाचार बॉयफ्रेंड-पति को बिसरा दिया, से रिश्ते से लेकर एक ही आदमी के साथ रहने वाली दो महिला टीवी पत्रकारों के किस्से मीडिया में सरे-आम है, जिसका आम-आदमी को पता भी नहीं और 
आम-पत्रकार भीष्म की तरह खामोश है, वह इसलिए क्योंकि जैसा कि हमारे राजस्थान में एक पुरानी कहावत है, "अपनी माँ को, कोई रांड नहीं बताता है."

First Indian Bicycle Lock_Godrej_1962_याद आया स्वदेशी साइकिल लाॅक_नलिन चौहान

कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...