Monday, October 31, 2016

Pakistan_Intizar Husain_पाकिस्तानी_इंतिज़ार हुसैन










पहले वे (पाकिस्तानी) भारत में एक अल्पसंख्यक थे। लेकिन जब एक नए देश की स्थापना की गई तो उन्होंने खुद को बहुमत में पाया। ऐसी सूरत में वे ऐसा बहुमत बन गए, जिससे हर कोई डरता था। सबसे पहले अहमदियों और अब शिया को गैर मुसलमान करार कर दिया गया। बहुत जल्दी काफिर बन जाता है आदमी वहाँ।


-इंतिज़ार हुसैन, प्रसिद्ध पाकिस्तानी लेखक, पाकिस्तान की मूल अवधारणा और वहाँ पर अल्पसंख्यकों की स्थिति पर


स्त्रोत: http://indianexpress.com/article/lifestyle/books/as-extremists-do-not- read-literature-we-are-safe-pakistani-writer-intizar-husain/ 

दीपावली_रामा-क्षामा_dipawali_rajasthan


मेरे प्रदेश राजस्थान में दिवाली से अधिक दिवाली के दूसरे दिन का महत्व होता है। 

दीपावली के दूसरे दिन को राजस्थान के देहात में "रामा-क्षामा" का ही दिन कहा और माना जाता है।

जब समाज में सभी व्यक्ति एक दूसरे के घर जाकर मिलते हैं, छोटे बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं तो बराबर के गले मिलकर अभिवादन करते हैं। 

सो यहाँ प्रत्यक्ष राम दशरथ पुत्र राम न होकर अभिवादन या प्रणाम के लिए प्रयुक्त होता है बाकी मूल तो उस ईश्वर का स्मरण ही है, सगुण रूप न सही निर्गुण ही सही। 

Saturday, October 29, 2016

dipawali_kubernath rai_दीपावली_कुबेरनाथ राय



     दीपावली  

सारा उत्तर भारत इसे अर्थ की देवी माधवी या लक्ष्मी के त्योहार के रूप में ही मनाता है। तब क्या प्रकाश के जगमगाते असंख्य दीपकों की पांत अर्थ गरिमा की द्योतक है। भारत का गरीब से गरीब आदमी भी जिसका एकमात्र गौरव उसका धर्म बोध ही है, माटी का एक जोड़ा दीया अपने दरवाजे के सामने इस दिन जरूर रखता है। उन दीपकों से उसका अंहकार नहीं, उसकी श्रद्वा प्रकाशित हो रही है। यह श्रद्धा उसके अन्तर्निहित मनुष्यता की गरिमा है और श्रद्धा धर्मबोध और पवित्रताबोध से जुड़ी है, अतः यह हमारे अवचेतन को धर्म-मोक्ष के मार्ग पर ठेलती है।



-कुबेरनाथ राय, हिंदी के प्रसिद्ध ललित निबंधकार अपने निबंध संग्रह "मराल" में

Thursday, October 20, 2016

Life_Death_Desire_मृत्यु_इच्छा_चमड़ी



मरने के बाद क्या? 


शब्द, चिंतन, सोच सब चिता में होम हो जाते हैं, रह जाती है राख! 

सपनों, आशाओं और तृष्णाओं की अतृप्त इच्छा मन में फिर भी अशेष रह जाती है जो शायद दोबारा धरती पर आने का कारण बनती है। 

छाया को छू नहीं पाते और मन से दुःख जाता  नहीं। 

देह से देहांतर हो जाता है पर चाम की चमक जाती नहीं।


Tuesday, October 18, 2016

राधा_जमुना_अज्ञेय_Radha_Krishna



क्या जरूरी है दिखाना
तुम्हें वह जो दर्द
मेरे पास हैं

-अज्ञेय (अकेली न जेयो राधे जमुना के तीर)

Sunday, October 16, 2016

तीन तलाक_नरेंद्र मोदी_Triple Talak_Modi


जब हिन्दुस्तानी मुल्लाओं ने 'कॉलेज' के लिए सर सैयद अहमद को नहीं छोड़ा, ऐसे ही एक मौलवी अली बक्श मक्का जा कर सर सैयद का 'सिर क़लम कर दिये जाने' का फ़तवा ले कर आये थे? 

तो फिर 'तीन तलाक' पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्या बिसात!


Saturday, October 15, 2016

काजोल_किताबें_Kajol_book reading_not films






'मैं फिल्में नहीं देखती हूं। मैं सिनेमा प्रेमी नहीं हूं। मैं किताबें पढ़ना ज्यादा पसंद करती हूं। मैंने बहुत सारी किताबें पढ़ी हैं। मुझे किताबों के वैंपायर, वेर्वुल्फ आदि पसंद हैं।'


-काजोल, 'करण अर्जुन', 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' और 'कभी खुशी कभी गम' जैसी सफल फिल्में देने वाली हिन्दी फिल्म अभिनेत्री

Tuesday, October 11, 2016

Ram_Ravan_Sarveshwar dayal saxena_राम_रावण_सर्वेश्वर दयाल सक्सेना


चिराग लेके ढूंढ लो ,कभी राम नहीं मिलेगें। हां अपनी मेहरारू छोड़ देना यदि राम होना है तो काफी लोग मिल जायेंगे, जो सताता हो उससे लड़ने वाला कोई राम नहीं, रावण जितने कहो उतने दिखा दें।


-सर्वेश्वर दयाल सक्सेना 

Hindi Literature_Dharmvir Bharti_हिंदी साहित्य_धर्मवीर भारती

धर्मवीर भारती और गिरिजा कुमार माथुर 

क्या गुदड़ी बाजार है यह हिंदी साहित्य नामक स्थान! मालूम होता है यहां प्रतिभा, genuineness और निश्छलता आदि गुण बहुत मंहगे पड़ते हैं। और खिलाफत में आवाज उठा नहीं सकते-कहीं पूज्या महादेवी, कहीं श्रद्वेय दिनकर, कहीं मान्यवर (बालकृष्ण) राव और उनसे बचो तो ये घिनौने आस्तीन के सांप-मुंह में सामने मिठास और पीठ पीछे जहर के दांत!

खत लिखिएगा या बस अकेले ही बकता रहूँगा मैं। कब तक आखिर कब तक!


-धर्मवीर भारती, गिरिजाकुमार माथुर को एक पत्र में
(अक्षर अक्षर यज्ञ, पेज 55, 1955/56)


Sunday, October 9, 2016

Jessica Stern_Terrorism

जेसिका स्टेर्न


अगर मदरसे जिहाद के लिए मजदूर देते हैं तो दुनिया भर में रहने वाले पाकिस्तान और सऊदी अरब के अमीर बाशिंदे उसके लिए जरूरी रकम मुहैया करवाते हैं।


-जेसिका स्टेर्न, हावर्ड कैनेडी स्कूल की अध्येता, दक्षिण एशिया ने मध्य-पूर्व को "दुनिया भर में आतंकवाद के अभिकेन्द्र के रूप में विस्थापित कर दिया है।

Terrorism_Pakistan Army_same coin



आतंकवाद की स्त्रोत है, पाकिस्तानी सेना

आतंकवाद, पाकिस्तानी सेना की आधिकारिक नीति है।

कश्मीर से लेकर काबुल तक के मामलों में पाकिस्तानी सेना का यह दोगला चरित्र समान रूप से नज़र आता है।

आजादी के बाद पाकिस्तान के कश्मीर पर किए हमले में पाकिस्तानी सेना ने कबाइली आगे रखे थे तो कारगिल घुसपैठ के समय पाकिस्तानी सेना के जवानों को ही घुसपैठियां बनाया था।

आखिर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख हामिद गुल ने अफगानिस्तान के साथ ही, भारत में कश्मीरी उग्रवाद को पैसे, सामान और ट्रेनिंग से मदद देनी शुरू की थी. उसने आईएसआई की केंद्रीय नीति ही कश्मीर आतंकवाद को बना दिया था।

हामिद गुल, जनरल जिया उल हक, जो कि मुजाहिर थे, के काफी करीब था। उसने उनकी इच्छा को ध्यान में रखते हुए भारत के खिलाफ आपरेशन ‘टोपाज’ की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य 1971 की करारी हार का बदला लेना था।
इसी गरज में गुल ने लश्करे तोइबा, तालिबान सरीखे संगठन खड़े किए।

पाकिस्तान के ‘सितारा-ए-जुरत’ व ‘हिलाल-ए-इम्तियाज’ सम्मानों से नवाजे गुल को अमेरिका ने कुख्यात आतंकवादियों की सूची में शामिल करने का फैसला लिया था। उसने उसे अंर्तराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को उसका नाम भी भेजा था पर पाकिस्तान ने चीन की मदद से वीटो करवा कर उसे बचा लिया था।

उसकी मौत के बाद पाकिस्तान के एक अखबार में किसी पत्रकार ने उसे श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि हामिद गुल कभी मर नहीं सकता। आखिर आतंकवादियों का गाडफादर और अफगानियों का यह कसाई तब तक जीवित रहेगा जब तक जेहादी संगठन मौजूद रहेंगे। जब तक पाकिस्तानी सेना भारत विरोधी रवैया जारी रखेगी व अफगानिस्तान के मामले में हस्तक्षेप करती रहेंगी वह जिंदा रहेगा।

अब ऐसे में भारतीय सेना पाकिस्तानी सेना के तैयार आतंकवादियों का सफाया करें या पाकिस्तानी सेना के जवानों का भारत का दुश्मन तो कम होता ही है। बाकी रावण का अंत तो अमृत नाभि में तीर मारकर ही किया जा सकता है।

Operation ginger_Hindu_Surgical strikes



ऑपरेशन जिंजर 2011: नियंत्रण रेखा पर जैसे को तैसा


(नौ अक्तूबर 2016 को द हिन्दू में प्रकाशित समाचार का शीर्षक)


अच्छा है, विफल-विदेशी वाम विचार के पंथ से तो राष्ट्रहित की गौरव गाथा का पथ श्रेष्ठ है।


यह अकस्मात नहीं है कि "जिंजर 2011" भी मंगलवार के दिन हुआ, जिस दिन भारतीय सेना कारगिल विजय मिली थी। 

शुक्र है कि द हिन्दू ने अपनी रिपोर्ट में सेना के हनुमानजी के दिन प्रति आसक्ति को "दक़ियानूसी" और ईद से ठीक पहले पाकिस्तान के नापाक इरादों को धरती दिखाने को "सेकुलर" भावना के खिलाफ नहीं बताया है।



Wednesday, October 5, 2016

Death_मौत



मरने से पहले जी भर के जीना चाहिए।

Sunday, October 2, 2016

success_luck_सफलता_भाग्य

जीवन में सफलता मेहनत से ही मिलती है। वह बात अलग है कि हम सफलता को भाग्य का फल मान लेते हैं।

Saturday, October 1, 2016

life_death_जिंदगी_मौत


अगर दर्द जिंदगी से बड़ा हो तो हमेशा के लिए मौत जीत जाएँ।

पर ऐसा होता नहीं है, जिंदगी मौत के दर्द को जीतकर उसके एहसास को मिटा देती है।

वैसे जिंदगी एक खूबसूरत झूठ और मौत एक दर्दनाक सच है।

First Indian Bicycle Lock_Godrej_1962_याद आया स्वदेशी साइकिल लाॅक_नलिन चौहान

कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...