हैरानी की बात है, बीबीसी हिंदी की स्टोरी में बिहार के बाशिंदे कह रहे हैं कि "मीडिया वाले भी बिहार को वैल्यू नहीं देना चाहते."
जबकि आईआईएमसी के मेरे ही बैच में बिहारी छात्रों की बहुलता और आज दिल्ली में उनका शीर्ष मीडिया संस्थानों में नामचीन होना कुछ अचरज पैदा करता है.यानि मीडिया में तो बिहारी की वैल्यू है पर बिहार की नहीं!यह तो मौजूं सवाल हो गया ?अब मेरी बुद्धि में तो उत्तर है नहीं, आपको सूझे तो समझाएं.