Saturday, February 14, 2015

hypocrisy_दिखावा




दूसरों की नज़र में अच्छा बने रहने, घर परिवार में बड़े बुजुर्ग, माँ-पिता, भाई-बहिन, पत्नी-ससुराल की अपेक्षाओं को पूरा करने के फेर में व्यक्ति स्वयं का ही क्लोन बन जाता है यानि उसका वास्तविक स्वरुप मिट जाता है। 
वह मात्र दूसरों की उम्मीदों को पूरा करने के चक्कर में छाया भर रह जाता है. आखिर असली-असली है और नकली नकली। वीरेन्द्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर के तरह खेल सकता है पर तेंदुलकर नहीं बन सकता।

Thursday, February 12, 2015

नींव के पत्थर_foundation stones




नींव के पत्थरों को भोगना ही पङता है कंगूरो का भार युग।

Wednesday, February 11, 2015

ज्ञान_knowledge



ज्ञान किसी की बपौती नहीं, भाषा किसी की क्रीतदासी नहीं, मन की बात मनवा ही लेती है, अपना लोहा. जो सस्ता नहीं.

परिवार_Family




पृथिवी में दो ही जीवित देवता हैं, माँ-पिता. बस बाकि तो भरम है.

Friday, February 6, 2015

Struggle_युद्ध में कैसी दुविधा?


आत्म-संशय और हताशा, युद्ध से पूर्व तो स्वाभाविक है पर युद्ध में उतरने के बाद कैसी दुविधा?
आत्मविश्वास और हौंसले से निश्चित ही विजयश्री मिलेगी.
(बस शल्य भाव से बचे और शत्रु को अपने से ज्यादा न आंके)

Tuesday, February 3, 2015

An Equal Music_Vikram seth-विक्रम सेठ, एन इक्वल म्यूजिक


संगीत, ऐसा संगीत एक अनमोल उपहार है. भला ख़ुशी की इच्छा क्यों हो, संताप न होने की उम्मीद क्यों की जाएं? कभी-कभार ऐसा संगीत सुनना, रोजमर्रा की जिंदगी में इतना ही काफी है, इसका आशीर्वाद ही पर्याप्त है. नहीं तो, समय के साथ-साथ आत्मा का अक्षत बने रहना संभव नहीं.
-विक्रम सेठ, एन इक्वल म्यूजिक

First Indian Bicycle Lock_Godrej_1962_याद आया स्वदेशी साइकिल लाॅक_नलिन चौहान

कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...