जीवन का दायरा
जीवन में दायरे से बाहर जाकर झांकना चाहिए, लीक से हटकर सोचना और करना जरूरी है। नहीं तो आप अपने ही नाते रिश्तेदार और कथित मित्रों से उलझ कर रह जाते है। ये मित्र साथी कम और मुकाबले में चुनौती देने वाले साबित होते है।
जीवन में दायरे से बाहर जाकर झांकना चाहिए, लीक से हटकर सोचना और करना जरूरी है। नहीं तो आप अपने ही नाते रिश्तेदार और कथित मित्रों से उलझ कर रह जाते है। ये मित्र साथी कम और मुकाबले में चुनौती देने वाले साबित होते है।
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