Tuesday, June 28, 2011

कविता

मां छाया है
पिता बरगद है
भाई टहनी है
बहन फल है
गुरू ज्ञान है
मौन ध्यान है
पितर जल है
पत्नी श्यामल है
संतान निर्मल है
मेहनत खाद है
दोस्त साथ है
प्रेमिका याद है
जीवन आसक्ति है
देश भक्ति है
भगवान शक्ति है

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