आज टीवी की पहुंच फिल्मों से ज्यादा है। छोटे पर्दे के दर्शकों की संख्या फिल्मों से करीब करीब दोगुनी या कहीं कहीं तीन गुनी भी है। यह एक अदभुत प्रेम कहानी है। मुझे लगा कि इसे प्रस्तुत करने के लिए टीवी अच्छा माध्यम होगा। मैं पहले इस पर फिल्म बनाना चाहता था लेकिन बाद में टीवी पर प्रस्तुत करना बेहतर लगा।
प्रसिद्ध गुजराती उपन्यास सरस्वतीचंद्र पर टीवी धारावाहिक लेकर आ रहे फिल्मकार संजय लीला भंसाली के अनुसार पहले वह इस कहानी पर फिल्म बनाना चाहते थे लेकिन बाद में उन्हें इसे छोटे पर्दे पर प्रस्तुत करने का विचार बेहतर लगा।
लेखक गोवर्धनराम माधवराम त्रिपाठी द्वारा लिखे गये गुजराती उपन्यास सरस्वतीचंद्र की कहानी 20वीं सदी की शुरूआत की पृष्ठभूमि में रची गयी है और दो गुजराती परिवारों के इर्दगिर्द घूमती है।
http://www.livehindustan.com/news/entertainment/entertainmentnews/article1-saraswatichandra-sanjay-leela-bhansali-film-maker-28-28-308798.html
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