Saturday, September 7, 2013

LalDed: Kashmir

 
दोद क्या ज़ाने यस नो बने,
गमुक्य जामु छिम वलिथ तने
गरु गरु फीरुस पेयम कने,
डयूठुम नु कांह ति पनुनि कने।

(दर्द वह क्या जाने
जिस पर न बने
गम के वस्त्र हैं
मैंने पहने
घर घर घूमी
संगसार हुई
कोई नहीं था
मेरे कने (साथ)।)
-ललद्यद

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