1950 के दशक के मध्य वर्षों तक नागा प्रदेश का प्रशासन नेहरू के अधीन विदेश मंत्रालय के हाथ में था।
गोविन्द वल्लभ पंत के गृहमंत्री बनने के बाद इसका प्रशासन गृह मंत्रालय को सौंप दिया गया। पंत का कहना था कि नागालैंड की समस्या मिशनरियों द्वारा पैदा की गई थी।
उन्होंने गृह मंत्रालय को विदेशी मिशनरियों के वीजे की अवधि न बढ़ाने का निर्देश दिया।
विदेशी चर्चों द्वारा खूब हंगामा मचाने के बावजूद उनमें से कइयों को वापसी का रास्ता दिखा गया।
(एक जिंदगी काफी नहींः कुलदीप नैयर)
गोविन्द वल्लभ पंत के गृहमंत्री बनने के बाद इसका प्रशासन गृह मंत्रालय को सौंप दिया गया। पंत का कहना था कि नागालैंड की समस्या मिशनरियों द्वारा पैदा की गई थी।
उन्होंने गृह मंत्रालय को विदेशी मिशनरियों के वीजे की अवधि न बढ़ाने का निर्देश दिया।
विदेशी चर्चों द्वारा खूब हंगामा मचाने के बावजूद उनमें से कइयों को वापसी का रास्ता दिखा गया।
(एक जिंदगी काफी नहींः कुलदीप नैयर)
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