Thursday, December 29, 2011

Destination: Poetic lines

मंजिल

बेसबब गुजर गया मुकाम से बिना नजर डाले ।
मंजिल पर थी निगाहें सो नजर आया नहीं कोई ।

दिल में रहता था कोई, इसका हमें गुमान था ।
बसाकर किसी दूसरे का घर, उसने अपने अहसास से भी जुदा कर दिया ।

No comments:

First Indian Bicycle Lock_Godrej_1962_याद आया स्वदेशी साइकिल लाॅक_नलिन चौहान

कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...