'मानस' की मूल थीसिस 'नाद' है एक बिन्दु का। वह बिन्दु है 'राम'। रामत्व की अभियक्ति और उसके माध्यम से व्यक्ति-व्यक्ति को शीलाचार और भक्ति की प्रशिक्षा-यही है 'मानस' का मूल उद्देश्य।
-कुबेरनाथ राय, हिन्दी के लब्ध-प्रतिष्ठित ललित निबंधकार
फोटो: दक्षिण भारत के हिरेमगलूर (चिकमंगलूर) स्थित श्री राम के प्राचीनतम मंदिर की मूर्ति
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