1857 की पहली आजादी की लड़ाई के उपरांत अंग्रेजों की विभेद की नीति
सन् 1857 में देश की पहली आजादी की लड़ाई का शंखनाद होने के बाद अंग्रेजों का पहला उद्देश्य पूरी मजबूती से अपने शासन को दोबारा स्थापित करना था । इसके लिए उन्होंने इस लड़ाई में अपने साथ खड़े और अपने विरूद्व खड़े लोगों में सावधानी से अलगाव करना शुरू कर दिया । उन्होंने अपना साथ देने वाले को उदारता से पुरस्कार दिया और दूसरे पक्ष को बर्बरता से सजा दी ।
दिल्ली पर दोबारा कब्जा जमाने में महत्वपूर्ण मदद प्रदान करने वाले पूर्वी पंजाब की सिख रियासतों के राजाओं को कई सम्मान और विशेषाधिकार दिए गए । सन् 1861 में, जब भारतीय परिषद अधिनियम लागू किया गया तो इस परिषद में शामिल केवल तीन भारतीयों में से एक पटियाला के राजा भी था ।
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