Saturday, July 4, 2015

शब्द अपने, भाव पराए




"राष्ट्रवाद केवल मात्र एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है; राष्ट्रवाद ईश्वर प्रदत्त धर्म है; राष्ट्रवाद एक पंथ है, जिसमें तुम जीना होगा। क्या तुमने इस बात को अनुभूत किया है कि तुम केवल ईश्वर के उपकरण हो और तुम्हारे शरीर भी तुम्हारे स्वयं के नहीं हैं? अगर तुमने इस बात को अनुभूत किया है, तभी तुम अकेले इस महान राष्ट्र को बनाए रखने में सक्षम होंगे। "

-महर्षि अरविन्द घोष 
अगर मुझे विस्मृत ही करना होता तो यह ऐसे ही होता मानो ऐसा कुछ कभी हुआ ही नहीं था। संसार से हमेशा के लिए स्मृतियों का लोप हो जाता। लेकिन क्या वास्तव में यह सच है? शायद स्मृतियां कहीं होती हैं, तुम्हारे अपने स्वयं के अस्तित्व के परे।
-मीको कावाकामी: अबाउट हर एंड द मेमोरिज दैट बिलाॅग टू हर-न्यू राइटिंग (अनुवाद हितोमो योशियो)

No comments:

First Indian Bicycle Lock_Godrej_1962_याद आया स्वदेशी साइकिल लाॅक_नलिन चौहान

कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...