Sunday, July 19, 2015

फिराक गोरखपुरी







तुझे मंजिलें भी हैं रहगुजर
मुझे रहगुजर भी मंजिलें।
यहीं फर्क है मेरे हमसफर
वह तेरा चलन, यह मेरा चलन।
-फिराक गोरखपुरी (बज्मे जिंदगी)

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