कम्यूनिस्टों का विरोधी मैं नहीं हुआ। मेरे विरोधी अधिकतर कम्युनिस्ट हुए तो वे जानें। कम्युनिज्म मुझे पसंद नहीं है, यह ठीक है। राजनीति में वह आततायी सिद्ध हुआ है, दर्शन वह अधूरा और पंगु बनाने वाला हैं। और भारतीय कम्युनिज्म कदम-कदम पर देश विरोधी और परदेश निर्देशित सिद्ध हुआ है।
मैं व्यावहारिक राजनीतिक नहीं हूँ, न होना चाहता हूँ पर राजनीति के संबंध में मेरे विचार न हों, ऐसी लाचारी नहीं मानता। जो हैं उन्हें नागरिक के नाते यथासमय व्यक्त भी करता हूँ जबकि कम्युनिस्ट ऐसी स्वतंत्रता को दिमागी ऐय्याशी समझते हैं।
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