Saturday, July 21, 2012
Agyeya-Caste
अज्ञेय
यह वास्तव में संसार के सात अचरजों में आठवाँ है। नहीं तो यह कैसे होता कि जिस देश ने ‘वसुधैवकुटुम्बकम्’ का आदर्श संसार के सामने रखा, उसी ने जात-पाँत की व्यवस्था भी दी-और ऐसे विकट रूप में कि वह इस्लाम और ईसाइयत पर भी हावी हो जाए? नये ईसाइयों को छूआछूत बरतते देखकर हमने एक बार आश्चर्य प्रकट किया था तो उन्होंने कहा था, ‘‘ईसाई हो गये तो क्या हुआ, धर्म थोड़े ही छोड़ दिया है?’’
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
First Indian Bicycle Lock_Godrej_1962_याद आया स्वदेशी साइकिल लाॅक_नलिन चौहान
कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...
No comments:
Post a Comment