आज घर में रहते हुएबच्चों के साथमैं द्वार नहीं खोलूँगान घर केन मन के
प्रेमिका का पता नहींपत्नी है नहींएक मन सेएक तन सेदूर है
बीता कल,आज-प्रतिपलसंतान है, आने वाला कल
बाहर के संघर्ष,मन की दुविधा से ज्यादा मुश्किल हैं,
संबंधों का ज्ञानअपरिचितों का अज्ञानअपना भानजितना जल्दी होउतना बेह्तर!
Post a Comment
कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...
No comments:
Post a Comment