कायर और ढीले आदमी समझदार हों तो भी मुझे उनसे प्रेम नहीं होता, क्योंकि वे मंझधार में नाव डूबानेवाले होते हैं।
-सरदार वल्लभभाई पटेल, महात्मा गांधी को 29 अक्तूबर 1933 को लिखे एक पत्र में
हम गुलाम इसलिए बने थे कि हम आपस में एक दूसरे के साथ लड़े, खतरे के समय हम लोगों ने एक दूसरे का साथ नहीं दिया था। हम छोटे-छोटे टुकड़े बनाकर बैठ गए और अपने-अपने संकुचित क्षेत्रों में, अपने स्वार्थों में पड़ गए। अपने संकुचित क्षेत्र में भले ही हमने कुछ सेवा भी की हो, लेकिन उससे हमको नुकसान ही हुआ और जब समय आया तो हम एक साथ खड़े न रह सके।
-सरदार पटेल, जयपुर में संयुक्त राजस्थान का उद्घाटन के समय
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