प्रसन्नता कोई सुदूर की वस्तु नहीं है। वह न तो प्रसिद्धि में निहित है और न ही लोकप्रियता में। जब आप जीवन को प्रतिबद्धता के साथ बिताते हैं, तब आपका मन विशाल ब्रह्मांड के समान प्रसन्नता से भरने लगता है। यह स्वयं के प्रति ईमानदार होने और जहां है, वहीं से जीवन जीने सरीखा है।
-दाइसाकू इकेदा
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