उनके लिए कभी दुख की कामना न करो। तुम ऐसी परपीड़ा की इच्छा रखने वाले नहीं हो। अगर उन्होंने तुम्हें दुख दिया है तो अवश्य उनके भीतर दुख का वास होगा। उनके लिए दुख से मुक्ति की प्रार्थना करो। उन्हें इसकी ही सर्वाधिक आवश्यकता है।
-नजवा जेबिनयन, लेबनानी लेखिका
No comments:
Post a Comment