The transformation is 'real' just convert the carnial desire into action. one has to lead his power of self from bottom to upper state of mind that is the real conversion of sex power into self power.
मां चिंतमामि सततं मयि सा विरक्ता
साप्यन्यमिच्छति जनं स जनोऽन्ससक्तः
अस्मत्कृते च परितुष्यति काचिदन्या
धिक तां च तं च मदनं च इमां च मां च
अर्थात मैं अपने चित में दिन रात जिसकी याद संजोये रहता हूं, वह स्त्री मुझसे प्रेम नहीं करती। वह किसी और पुरुष पर मोहित है। वह पुरुष किसी दूसरी स्त्री को चाहता है। वह स्त्री, किसी और को प्रेम करती है। धिक्कार है मुझे और धिक्कार है उस कामदेव को, जिसने यह माया जाल रचा है। धिक्कार है, धिक्कार है धिक्कार है।