त्याग की देवी को पद लिप्सा ?
नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर
राजधानी के टीवी बौद्धिकों की चुप्पी
कितनी भारी है !
उसके लिए हम सब
उनके आभारी है
टीवी-बौद्धिकता की
बलिहारी है
ईश, तुम इन्हें माफ़ करना
ये नहीं जानते,
क्या कर रहे हैं
ये सिर्फ अपने मालिक को जानते हैं
अपनी तनख़्वाह को मानते हैं
बाकी क्या देश
क्या देशवासी
सब दकियानूसी बातें हैं
इनकी बातें
अच्छी लगे तो बजाए ताली
नहीं तो बेशक दीजिए गाली
चिंता की कोई बात नहीं
गाली से भी
टीआरपी बढ़ती है
गरीब-गरीबों से भी
टीवी शो का जलवा जमता है
देश बेशक जले
वैसे भी किसका कौन-सा देश
दिल्ली से बाहर
वैसे भी दूरदर्शन ही दिखता है
दिल्ली के टीवी चैनल
अपनी छत से ही
बारिश का हाल बताते हैं
गांव में 'हम लोग'
कहाँ 'बीच-बहस' में पड़ते है
कौन जागता है,
देर रात इनके लिए
आखिर देश तो
गाँवो में ही बसता है
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