Thursday, May 14, 2015

ghazal_ग़ज़ल


टूटे हुए रिश्तों को सिलने की सुई नहीं होती,
घाव निशान न दे ऐसी तक़दीर नहीं होती,


मन करता है लौटने को बचपन की दुनिया में,
अफ़सोस ऐसा कोई रास्ता नहीं होता दुनिया में,


चमकती हुई दुनिया भरमाती बहुत है, दूर से
वह बात अलग है होती बहुत अलग, पास से


अब तुझको क्या बताएं आँखों में जाले कितने थे
अपने मन का फेर था या बात अलग थी


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