Wednesday, May 6, 2015

अभी से हिम्मत न हार, मेरे हमसफ़र_untold love



अभी से हिम्मत न हार, मेरे हमसफ़र
राहों में आएंगे अभी, कई रहगुज़र
जिंदगी की धूप-छांव, बढ़ेगी-घटेगी कई बार
तेरे-मेरे सब्र का, इम्तेहान होगा रुक-रुक कर

अभी से हिम्मत न हार, मेरे हमसफ़र
हर रोज़ कुछ पाना है, कुछ खोना है
सीधे दिखते रास्तों पर, एडियां घिसते चलना है
अनजानी राहों पर, हौंसला लिए बढ़ना है

अभी से हिम्मत न हार, मेरे हमसफ़र
रोशनी की तलाश में, अंधेरों को चीरना है
पाने को मंजिल साथ-साथ, हाथों में हाथ लिए रहना है
कदम भले ही डगमगाए, मन पक्का किये रहना है

अभी से हिम्मत न हार, मेरे हमसफ़र
क्या और चाहती हो, सुनना और जानना
कहकर भी जो ना कह सकूं,
तेरा प्यार ही है मेरा वजूद

अभी से हिम्मत न हार, मेरे हमसफ़र



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