स्वान्तः सुखाय रचना का आनंद उस गदहे के आनंद की तरह है जो उसे धूल में लोटकर आता है।-महादेवी वर्मा ("मनुष्य ही साहित्य का लक्ष्य है" शीर्षक निबन्ध में)
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कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...
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