फोटो साभार: लोनली ट्री_जूडिथ सायराच |
जब कोई अपना जाता है
आकाश सूना होता है
आंखें सूनी
हम निःशब्द
कितना कुछ साथ चला जाता है
उस एक अपने के साथ
यादें, बातें, अपनापन
हम बिलकुल अकेले
कभी जो सोचा नहीं होता
जब ऐसा कुछ होता
तब इतना दर्द होता
लगता आखिर ऐसा क्यों होता
होने, न होने का भरम
पहली बार सच होता
सच प्रिय नहीं, कड़वा ही होता
काश जीवन बस में होता!
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