Saturday, March 23, 2019
Post Partition Settlement of Refugee Colonies in Delhi_दिल्ली में बसी विस्थापितों की काॅलोनियां
पुराना किला में छप्पर की छत वाले तंबू लगाए गए। यहां तक कि किले की दीवारों से सटाकर रहने लायक कमरों में तब्दील कर दिया गया। अनेक शरणार्थियों को फिरोजशाह कोटला और सफदरजंग मकबरे के मैदानों में शरण दी गई। तीस हजारी में एक तंबू शिविर बनाया गया, जिसमें करीब 3000 विस्थापितों की रहने की व्यवस्था की गई। इन सभी अस्थायी शिविरों में रहने वाले विस्थापितों के लिए रसोई, स्नानघर और शौचालय बनाए गए।
आजादी के बाद दो साल तक सरकार के लिए दिल्ली में विस्थापितों को राहत और आश्रय देने की समस्या एक बड़ी चुनौती बनी रही। केंद्र सरकार ने दूसरे राज्यों की तरह दिल्ली को तीन लाख विस्थापितों के पुनर्वास का लक्ष्य दिया था। पर वास्तविकता में विस्थापितों की संख्या उपरोक्त में वर्णित लक्ष्य से बहुत अधिक थी। यहां आने वाले विस्थापितों में 470386 शहरी विस्थापित और 25005 ग्रामीण विस्थापित व्यक्ति थे।
1951 के अंत तक करीब 190, 000 विस्थापितों को दिल्ली छोड़कर पाकिस्तान गए परिवारों के खाली घरों में बसा दिया गया। केंद्रीय पुनर्वास मंत्रालय ने ऐसे व्यक्तियों को मकान उपलब्ध कराने के लिए नई आवास नीति और योजनाएँ तैयार की, जिन्हें खाली हुए घरों में रहने की जगह नहीं मिली। ऐसे में राजधानी में व्यापक स्तर पर आवासीय निर्माण की आवश्यकता को देखते हुए इस कार्य को केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग, जिसने बृहत्तर दिल्ली की योजना बनाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली, के माध्यम से करवाने का निर्णय लिया गया। जिसके तहत सभी क्षेत्र अनुसार वाली योजनाओं को उनके पड़ोस से जोड़ने और मुख्य शहर के केंद्र तक आसान पहुंच को ध्यान में रखते हुए योजना बनाई गई।
इस काम के लिए करीब तीन हजार एकड़ की भूमि चिन्हित की गई, जहां पर लगभग दो लाख व्यक्तियों को आवास प्रदान करने का लक्ष्य था। इस योजना के तहत विभिन्न कालोनियों बनाई गईं। इन काॅलोनियों में प्रमुख रूप से राजेंद्र नगर (नई दिल्ली उत्तरी विस्तार क्षेत्र), पटेल नगर (शादीपुर), मलकागंज, किंग्सवे, विजय नगर, निजामुद्दीन, निजामुद्दीन एक्सटेंशन, जंगपुरा, जंगपुरा एक्सटेंशन ए और बी, लाजपत नगर (किलोकरी) पूर्व, लाजपत नगर पश्चिम, कालकाजी, मालवीय नगर, भारत नगर, तिलक नगर (तिहाड़), पुराना किला, फिरोजशाह कोटला, आजादपुर, रैगरपुरा, अंगूरी बाग और प्रदेश गाॅर्डन थीं।
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