Wednesday, February 12, 2020

Anna Akhmatova_Russian poet_अन्ना अखमतोवा




किसी पराये आकाश ने मुझे नहीं बचाया,
किसी अजनबी के हाथों ने मेरे चेहरे को ओट नहीं दी।
मैं जनसाधारण का चश्मदीद गवाह था,
उस वक़्त, उस जगह जीवित बचा अकेला व्यक्ति।

-अन्ना अखमतोवा (1889-1966), रूस की कवियत्री


No foreign sky protected me,no stranger’s wing shielded my face.I stand as witness to the common lot,survivor of that time, that place.-Anna Akhmatova, Russian poet 

(1889-1966)

No comments:

First Indian Bicycle Lock_Godrej_1962_याद आया स्वदेशी साइकिल लाॅक_नलिन चौहान

कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...