किसी पराये आकाश ने मुझे नहीं बचाया, किसी अजनबी के हाथों ने मेरे चेहरे को ओट नहीं दी। मैं जनसाधारण का चश्मदीद गवाह था, उस वक़्त, उस जगह जीवित बचा अकेला व्यक्ति।
-अन्ना अखमतोवा (1889-1966), रूस की कवियत्री
No foreign sky protected me,no stranger’s wing shielded my face.I stand as witness to the common lot,survivor of that time, that place.-Anna Akhmatova, Russian poet
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