Theodor W Adorno |
जब भी हम रेडियो चालू करते हैं, तो होने वाली घटनाओं की एक निश्चित अभिव्यक्ति होती है। रेडियो ‘हमसे बात करता है’, भले ही हम किसी की न सुनें।
-ओडरोर डब्ल्यू एडोर्नो, रेडियो के जादू पर, आज विश्व रेडियो दिवस है
(एडोर्नो की गिनती दूसरे विश्व युद्ध के बाद के जर्मनी में सबसे महत्वपूर्ण दार्शनिक और सामाजिक आलोचकों में होती है)
Whenever we turn on the radio, the phenomena that ensue have a certain expression.The radio ‘talks to us’, even though we listen to no-one”.
-Theodor W Adorno, on the magic of radio as today is World Radio Day
(Adorno was one of the most important philosophers and social critics in Germany after World War II)
जब भी हम रेडियो चालू करते हैं, तो होने वाली घटनाओं की एक निश्चित अभिव्यक्ति होती है। रेडियो ‘हमसे बात करता है’, भले ही हम किसी की न सुनें। -ओडरोर डब्ल्यू एडोर्नो, रेडियो के जादू पर, आज विश्व रेडियो दिवस है
(एडोर्नो की गिनती दूसरे विश्व युद्ध के बाद के जर्मनी में सबसे महत्वपूर्ण दार्शनिक और सामाजिक आलोचकों में होती है)
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