कृष्ण ऐसी जिन्दगी है, जिस दरवाजे पर मौत बहुत रूपों में आती है और हारकर लौट जाती है। बहुत रूपों में। वे सब रूपों की कथाएँ हमें पता हैं कि कितने रूपों में घेरती हैं और हार जाती हैं। लेकिन कभी हमें खयाल नहीं आया कि इन कथाओं को हम गहरे समझने की कोशिश करें। सत्य सिर्फ उन कथाओं में एक है, और वह यह है कि कृष्ण जीवन की तरफ रोज जीतते चले जाते हैं और मौत रोज हारती चली जाती है। मौत की धमकी एक दिन समाप्त हो जाती है। जिन-जिन ने चाहा है जिस-जिस ढंग से चाहा है कृष्ण मर जाएँ, वह-वह ढँग असफल हो जाते हैं और कृष्ण जिए ही चले जाते हैं। इसका मतलब है मौत पर जीवन की जीत।
Thursday, August 9, 2012
Krishna-Life circle
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