Thursday, August 9, 2012

Rammanohar Lohia-Sri krishna

कृष्ण ने आत्मा के गीत गाए। उन्होंने आत्मा को अजर-अमर व अविनाशी बताया। उन्होंने कर्म के गीत गाए और मनुष्य को, फल की अपेक्षा किए बिना, और उसका माध्य मव कारण बने बिना। निर्लिप्त भाव से डटे रहने के लिए कहा। उन्होंने समत्व भाव, सर्दी-गर्मी, जीत-हार, हानि-लाभ इत्यादि जीवन में आने वाले उद्वेलनों में समान भाव से रहने को कहा।
-डॉ. राममनोहर लोहिया

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