अब गायक कॉन्सर्ट्स और प्राइवेट एलबम्स के जरिए भी अपना पसंदीदा काम कर सकते हैं, जो उन्हें रचनात्मक संतुष्टि और पैसे दोनों दे सकता है. इसलिए अब मैं फिल्मों में वही गाने गाता हूं जो मुझे अच्छे लगते हैं और संतुष्टि देते हैं. मैं जानते-बूझते किसी घटिया और बेतुके गाने का हिस्सा नहीं बन सकता.
-सोनू निगम, गायक
(मैंने करियर की शुरुआत में जरूर ऐसे कुछ गाने गाए जिनमें द्विअर्थी शब्द थे. लेकिन उस वक्त मेरे हाथों में कोई ताकत नहीं थे. मैं इंडस्ट्री में नया-नया था. लेकिन अब मैं परिपक्व हो चुका हूं. एक गायक के तौर पर स्थापित हो चुका हूं. एक कलाकार को कई बार अपने आप पर अंकुश लगाना जरूरी हो जाता है.)
http://www.bbc.co.uk/hindi/entertainment/2012/08/120817_sonu_nigam_pkp.shtml
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