प्यार में शर्त नहीं होती और न ही प्रतिदान की इच्छा. अगर ये दोनों है तो फिर समझो प्यार नहीं है, लेन देन की साहूकारी है. बाकि जो जाएगा वही लौटेगा. आसमान में उड़ान कितनी ही भर लो, आना तो आख़िरकार धरती पर ही है.
चित्र: रामकुमार
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