(नौ अक्तूबर 2016 को द हिन्दू में प्रकाशित समाचार का शीर्षक)
अच्छा है, विफल-विदेशी वाम विचार के पंथ से तो राष्ट्रहित की गौरव गाथा का पथ श्रेष्ठ है।
यह अकस्मात नहीं है कि "जिंजर 2011" भी मंगलवार के दिन हुआ, जिस दिन भारतीय सेना कारगिल विजय मिली थी।
शुक्र है कि द हिन्दू ने अपनी रिपोर्ट में सेना के हनुमानजी के दिन प्रति आसक्ति को "दक़ियानूसी" और ईद से ठीक पहले पाकिस्तान के नापाक इरादों को धरती दिखाने को "सेकुलर" भावना के खिलाफ नहीं बताया है।
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