मैंने तो ब्लॉग लिखना भी सरकारी नौकरी की एकरसता से बचने के लिए किया था न की किसी रचना को रचने को लेकर. मुझे कोई साहित्यकार या लेखक होने का जरा सा भी गुमान नहीं रहा, हां बस कुछ किताबे पढ़ी है दिल से सो याद रह गयी है उनकी बाते और सन्दर्भ जो बोल-लिख देता हूँ तो दूसरों को मेरे "पढ़े-लिखे" होने की ग़लतफ़हमी हो जाती है जबकि मेरा ऐसा कोई भी दावा नहीं है.
Sunday, June 16, 2013
On Self and Writing
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First Indian Bicycle Lock_Godrej_1962_याद आया स्वदेशी साइकिल लाॅक_नलिन चौहान
कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...
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