जीवन में कभी भी अपने स्रोत और सेतु को बिसराना नहीं चाहिए, वक़्त तो क्या है हवा का झोका है कभी तेज़ कबि मद्धम । अगर स्त्रोत ही सूख गया और सेतु ही टूट गया फिर तो ईश्वर चाहे तो भी पुनर्जीवित नहीं कर सकता और नहीं जोड़ सकता ।
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कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...
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