Tuesday, March 28, 2017

Hindu_a way of life_हिन्दू धर्म एक जीवन पद्धति



यहूदी, ईसाई और मुसलमान तीनों अब्राहमिक पंथ है, जो एक किताब- एक पैगंबर का अनुसरण करते हैं। इसके साथ ही यह समूहगत रूप से यानि संप्रदाय के हिसाब से एक स्थान विशेष और पूजा पद्धति का अनुकरण करते हैं। हिन्दू धर्म में कोई शंकराचार्य किसी हिन्दू को अहिंदू नहीं घोषित कर सकता।

पर इस्लाम-ईसाइयत में ऐसा नहीं है, जैसे सलमान रुशदी और तसलीमा नसरीन को कुफ़्र के नाम पर सजा घोषित की गयी। इस तरह से 1984 के बाद एसजीपीसी ने बूटा सिंह को तनखैया घोषित कर दिया था, जिस बाद उन्हें स्वर्ण मंदिर जाकर माफी के रूप में जूते साफ करके सेवा करनी पड़ी।

भारत में चर्च ईसाई संप्रदायों के नाम पर विभक्त है। जैसे देश में कैथॉलिक ईसाई, प्रोटेस्टंट चर्च में नहीं जा सकता तो दोनों चर्च ऑफ इंग्लैंड के चर्च में नहीं। यहाँ तक कि मरने के बाद कब्रिस्तान मे दफनाने के लिए भी 'फादर' की अनुमति लेनी पड़ती है। हाल में ही प्रियंका चोपड़ा की नानी की बिहार में हुई मौत के बाद उनके सीरियाई चर्च ने उनके शव को केरल के शहर में गाड़ने की अनुमति नहीं दी क्योंकि उनका विवाह एक हिन्दू से हुआ था।

वैसे हिन्दू धर्म एक जीवन पद्धति है, इसकी पुष्टि सुप्रीम कोर्ट (न्यायमूर्ति जे एस वर्मा) अपने एक निर्णय में पहले ही कर चुका है।

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