communist party of pakistan_sajjad jahir_कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ पाकिस्तान_सज्जाद जहीर
सज्जाद जहीर_फैज़ अहमद फैज़
कलकत्ता में १९४८ में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ पाकिस्तान बनाने वाले प्रगतिशील मुसलमान सज्जाद जहीर जब अपनी कम्युनिस्ट पार्टी को पाकिस्तान ले गए तो उन्हें वहां के तत्कालीन प्रधानमंत्री लियाकत अली सरकार ने फैज़ अहमद फैज़ सहित जहीर को देशद्रोह और तख्ता पलट के अपराध में जेलखाने में डाल दिया था.
इतना ही नहीं, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ पाकिस्तान को प्रतिबंधित कर दिया गया. १९५० में जब बाकि लोगों की लंबी सज़ा माफ़ की गई तो जहीर को भी हिंदुस्तान निर्वासित कर दिया गया! जहीर को पाकिस्तान में रावलपिंडी साजिश केस में फांसी की सजा हुई थी। जिस पर तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इस मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करके उसकी सजा इस शर्त पर माफ करवाई थी कि पाकिस्तान उसे निर्वासित कर देगा। इतना ही नहीं, नेहरु के कारण जहीर को हिंदुस्तान में शरण और हिन्दुस्तानी नागरिकता दोनों मिली। इस तरह, नेहरू ने जहीर की वह सम्पत्ति भी वापस कर दी, जिसे कस्टोडियन ने शत्रु सम्पति होने के नाते जब्त कर लिया था ।
इस तरह जहीर का पाकिस्तान में लाल क्रांति का सपना असफल रहा और पाकिस्तान के हुक्मरानों-फौज ने जहीर को उन के सपनों के मुल्क से बेदखल कर दिया. गौरतलब है कि जहीर, लखनऊ के जस्टिस वजीर अली के पुत्र थे जो कि मोतीलाल नेहरू के गहरे दोस्त थे । सज्जाद के बड़े भाई का नाम अली जहीर था, जो उत्तर प्रदेश के प्रमुख कांग्रेसी नेता होने के कारण उतर प्रदेश में 30 साल तक मंत्री के पद पर रहे।
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