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ग्वाटेमाला में श्रीराम की मूर्ति
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मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम
‘हरि अनंत, हरिकथा अनन्ता’ अर्थात् ‘राम’ अनंत हैं और रामकथा’ भी अनंत है।
रामकथा केवल एक आख्यान नहीं है, वह ‘राम’ के माध्यम से मानव-जीवन के उच्च नैतिक आदर्शों को, मर्यादाओं को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने का माध्यम भी है।
एक पुत्र, शिष्य, भाई, मित्र और राजा के रूप में आदर्श जीवन, मर्यादापूर्ण जीवन कैसे जिया जाए, इसके उदाहरण के रूप में‘ राम’ का जीवन प्रस्तुत किया गया है।
इन मर्यादाओं को निभाने के कारण ही राम ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ कहलाए।
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