18012022, दैनिक जागरण |
Saturday, January 18, 2020
Post Independent Legislative Journey of Delhi_स्वतंत्रता उपरांत दिल्ली की विधायी यात्रा
1952 की विधानसभा में 48 सदस्य थे। मुख्य आयुक्त को उसके कार्य के निष्पादन में सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद का प्रावधान था। इन विषयों के सम्बन्ध में राज्य विधानसभा को कानून बनाने की शक्तियां दी गई थीं।
दिल्ली में आंरभिक अन्तरिम काल वाली महानगर परिषद के कार्यकाल (1966-1967) में एक ही सत्र हुआ, जिसके मुख्य कार्यकारी पार्षद मीर मुश्ताक अहमद थे। जबकि पहली महानगर परिषद के कार्यकाल (1967-1972) में 17 सत्र हुए, इस दौरान मुख्य कार्यकारी पार्षद
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