Hindi_Bhartendu harishchandra_Ramvilas Sharma_हिन्दी_भारतेन्दु हरिश्चंद्र_रामविलास शर्मा
जो लोग सोचते हैं कि हिन्दी तभी मिट जाती तो बड़ा अच्छा होता, उनकी बात दूसरी है, परन्तु जो समझते हैं कि हिन्दी न मिटी तो अच्छा हुआ, उन्हें भारतेन्दु (हरिश्चंद्र) और उस युग के लेखकों का कृतज्ञ होना चाहिये जिन्होंने उसे जीवित रखने के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी।
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