Gandhi_First Radio Broadcast_Asian Relations Conference_रेडियो_महात्मा गांधी_एशियन रिलेशन्स कान्फ्रेन्स
भारत में रेडियो पर महात्मा गांधी की आवाज सबसे पहली बार दो अप्रैल 1947 को प्रसारित हुई। इस प्रसारण का कारण था, दिल्ली में आयोजित अंतर-एशियाई संबंध सम्मेलन।
उल्लेखनीय है कि गांधी ने दो अप्रैल 1947 को दिल्ली हुए "एशियन रिलेशन्स कान्फ्रेन्स" के अंतिम सत्र को सम्बोधित किया था। दस दिनों तक चले अंतर-एशियाई संबंध सम्मेलन का अंतिम सत्र महत्वपूर्ण परिचर्चा वाली गतिविधियों का एक शानदार समापन था।
इस अवसर पर भारत कोकिला सरोजिनी नायडू ने महात्मा गांधी का परिचय "उस समय के महानतम एशियाई व्यक्तियों में एक" के रूप में दिया। जिसके उत्तर में, वहां उपस्थित 20,000 से अधिक आगंतुकों, प्रतिनिधियों और पर्यवेक्षकों ने गांधी का करतल ध्वनि से स्वागत किया। गांधी ने इंडोनेशिया के प्रधानमंत्री डॉक्टर शजरियार के भाषण के उपरांत अपनी बात रखी।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैंने अंग्रेजी इतिहासकारों की लिखित पुस्तकों के अध्ययन से अपना इतिहास जाना है। हम अंग्रेजी इतिहासकारों की लिखी किताबें पढ़ते हैं, लेकिन हम अपनी मातृभाषा में या राष्ट्रभाषा हिंदुस्तानी में अपनी किताबें नहीं लिखते हैं। हम अपनी मूल पुस्तकों की अपेक्षा अंग्रेजी पुस्तकों के माध्यम से अपने इतिहास का अध्ययन करते हैं। यह हिन्दुस्तान की सांस्कृतिक पराजय है, जिसके कारण भारत को गुलामी के कालखंड से गुजरना पड़ा है।
1 comment:
bahut shandaar sir
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