मंजिल तो चलती रहती है, जैसे जिंदगी। पड़ाव आते और जाते है, जिंदगी अपनी रफ़्तार से चलती रहती है, कभी तेज़ तो कभी मद्धम संगीत की तरह। हमेशा एक सुर में न संगीत उम्दा लगता है और न ही जिंदगी की रफ़्तार पसंद आती है। फोटो: अक्षय नागदे
Post a Comment
कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...
No comments:
Post a Comment