"कहाँ राजा भोज, कहाँ गंगऊ तेली" कहावत का यह असली रहस्य हैं कि गंगू अर्थात् गांगेय कलचुरि नरेश और तेली अर्थात् चालुका नरेश तैलय दोनों मिलकर भी राजा भोज को नहीं हरा पाए थे। इसी पर चल पड़ी थी यह कहावत।
फोटो: भोपाल में बड़े तालाब के किनारे स्थापित परमार राजवंश के राजा भोज की ३२ फीट की प्रतिमा
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