'My difficulty is that you are not by my side therefore I imitate Ekalavya, who, on being rejected by Dronacharya, learned to be an archer by keeping Dronacharya's clay idol before him I fashion your image every day and put my questions to it.'-Mahatma Gandhi on Sardar Patel in a letter wrote to him from another prison sorely missing his brass stack approach
मेरी कठिनाई यह है कि तुम मेरे साथ नहीं हो इसलिए मैं एकलव्य बनने का प्रयास कर रहा हूं, जिसने द्रोणाचार्य की अस्वीकृति के बाद अपने समक्ष द्रोणाचार्य की मिट्टी की प्रतिमा रखकर तीरंदाजी सीखी थी । मैं उसी तरह, तुम्हारी छवि का स्मरण करते हुए अपने प्रश्न उसके समक्ष रखता हूं ।
-महात्मा गांधी, कारागार से लिखे एक पत्र में सरदार पटेल के बारे में
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