Monday, September 8, 2014

इंतज़ार (Waiting)


बाजार के कलदार
सिक्कों की झंकार में
सब बह गए 
कुछ सायास 
कुछ अनायास 
कुछ जाने 
कुछ अनजाने 
कलम के सिपाही 
शब्दों के जादूगर 
लाल झंडे के झंडाबरदार
सुर के साधक 
अधिकारों के ठेकेदार 
कुछ ने रंग बदल लिया 
किसी ने असली रंग दिखा दिया 
कुछ ने बदरंग कर दिया 
कुछ रंगरेज़ हो गए 
इन सबसे अनजान 
हैरान, परेशान अकेला आदमी 
फिर अपने अकेलेपन में 
चुप हो गया 
एक नए इंद्रधनुषी सपने के 
इंतज़ार में 


No comments:

First Indian Bicycle Lock_Godrej_1962_याद आया स्वदेशी साइकिल लाॅक_नलिन चौहान

कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...