देश के आजाद होने के बाद समाचार पत्रों, समाचार एजेंसियों और समाचार संकलन से जुड़े संगठनों के लिए टेलीप्रिन्टर एक महत्वपूर्ण साधन था। उल्लेखनीय है कि तब टेलीप्रिन्टर चैनलों के स्वामित्व पर भारत सरकार का एकाधिकार था।
वर्ष 1948 में केंद्रीय डाक और तार विभाग के पास टेलीप्रिन्टर चैनलों को लीज का आवंटन करने की जिम्मेदारी थी। इन टेलीप्रिन्टर चैनलों के आवंटन के इच्छुक समाचार पत्रों, समाचार एजेंसियों और समाचार संकलन से जुड़े संगठनों को विभाग के साथ एक अनुबंध करना पड़ता था।
तब टेलीप्रिन्टर सर्किटों को लीज पर लेने की अलग अलग दरें थीं। पहले 25 मील की दूरी के लिए 60 रूपए प्रति वर्ष, अगले 475 मील की दूरी के लिए 45 रूपए प्रति वर्ष और उसके बाद की दूरी के लिए लिए 30 रूपए प्रति वर्ष की दर वसूली जाती थी।
No comments:
Post a Comment