आप ही बाट, आप ही तराजू और आप ही तोलनहार।
ईश्वर ही डूबाता है, वह ही तैराता है किनारे भी वहीं लगाता है, हमें तो बस हाथ पैर चलाये रखने हैं, जिससे उसे हमारे अस्तित्व का भान रहे।
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कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...
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