Monday, June 16, 2014

Mihir-Nalin IIMC (आईआईएमसी के डिग्री कागज़ का टुकड़ा)


आईआईएमसी के डिग्री कागज़ का टुकड़ा भर नहीं है, वह तो मिटटी की तासीर ही कुछ ऐसी है की वहां से निकला हर शख्स कुछ अलहदा सा है।
और वैसे भी मोल मिट्ठी का ही होता है.… बाकी जगत, सब मिथ्या तो है।
मिटटी है, मिटटी हो जाना है, संसार है कागज़ की पुड़िया बूंद पड़े गल जाना है।

No comments:

First Indian Bicycle Lock_Godrej_1962_याद आया स्वदेशी साइकिल लाॅक_नलिन चौहान

कोविद-19 ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ा है। इस महामारी ने आवागमन के बुनियादी ढांचे को लेकर भी नए सिरे ...