जीवन
भम्र बना रहे,
तो ही बेहतर ।भम्र बना रहे,
जीवन का,
जीने का
साथ जीने वालों का ।
नहीं तो
भूत की चिंता,
भविष्य का प्रश्न,
वर्तमान को भी नहीं जीने देता ।
शायद इसलिए
जीवन में हमारे,
बहुत से शब्द
सिर्फ
शब्द बनकर रह जाते ।
कुछ का मतलब,
समझ पाते ।
कुछ बिन समझे ही ,
अपनाते ।
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